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दूरान्देशी, विशाल बुद्धि और दृढ़ संकल्प के धनी थे ओमप्रकाश भाईजी: दादी रतन मोहनी जी
इंदौर। ब्रह्माकुमार ओमप्रकाश भाईजी ने अपनी दूरान्देशी और विशाल बुद्धि से ईश्वरीय सेवाओं को इतना बढ़ाया कि इंदौर से ही मध्यप्रदेश के अनेक शहरों में समूचे छत्तीसगढ़, उड़ीसा और राजस्थान के कुछ शहरों में सेवाकेन्द्र खुले और यह इंदौर जोन बन गया यह भाईजी की त्याग, समर्पणता और कर्तव्य निष्ठा का ही प्रतिफल है। सन् 1969 में ब्रह्माकुमारी संस्थान के फाउन्डर पिताश्री ब्रह्माबाबा की आज्ञानुसार भाईजी इंदौर आये यहाँ से मध्यभारत में ईश्वरीय सेवाओं की शुरुआत हुई।
उक्त विचार इंदौर जोन के क्षेत्रीय निदेशक ओमप्रकाश भाईजी की 5वीं पूंण्य तिथि के अवसर पर आन लाईन आयोजित भाव सुमनांजली कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी संस्थान की अतिरिक्त मुख्य प्रशासिका दादी रतन मोहिनी जी ने रखे।
संस्था के महासचिव ब्रह्माकुमार निर्वैर भाई ने कहा कि ओमप्रकाश भाईजी के अंदर सदा ही सेवाओं में नविनता करने का उमंग उत्साह रहता था । उन्होंने बड़े बड़े शहरों से लेकर बस्तर के आदिवासी बाहुल्य क्षेत्र के लोगों के दिल को छुआ। उनके जीवन में अभूतपूर्व परिवर्तन लाये।
इस अवसर पर सुप्रसिद्ध जीवन प्रबंधन विशेषज्ञा ब्रह्माकुमारी शिवानी दीदी ने कहा कि आज का दिन भाईजी की शुक्रिया करने का दिन है। उन्होंने अपने जीवन और कर्तव्यों से प्रेरणा दी है कि हम ईश्वर से प्रेम करके उनके गुणों को अपने अंदर समाकर उनके समान कैसे बन सकते हैं ।
आपने वर्तमान समय का जिक्र करते हुये कहा कि ये वर्ष कोरोना महामारी के कारण चिंता, भय और अनिश्चिंतता का रहा लेकिन आने वाले वर्ष के लिये हमें अपनी आंतरिक ऊर्जा को बढ़ाना है ताकि किसी भी प्रकार की नकारात्मक वायुमंण्डल का प्रभाव हमारे मन पर ना पड़े। शरीर की सुरक्षा के साथ साथ मन की भी रक्षा करनी है।
इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने भाईजी के साथ का अनुभव सुनाते हुये कहा कि भाईजी के सामने जाते ही हमारे अंदर एक आलौकिक शक्ति का संचार हो जाता था तनाव दुर होकर मन शांत हो जाता था और हमारी कार्य क्षमता बढ़ जाती थी।
मेडिकेप्स यूनिवर्सिटी के चांसलर रमेश मित्तल ने कहा कि भाईजी अविरल प्रतिभा के धनी थे वे छोटे बड़े का भेदभाव ना रख सभी को समान रुप से सहयोग देते थे।
इंदौर जोन की क्षेत्रीय निदेशिका ब्रह्माकुमारी कमला दीदी ने कहा कि भाईजी अपने न्यायप्रियता, उच्च आदर्शाे और बुद्धिमत्ता के कारण हम सबके प्रेरणा स्त्रोत बने। भाईजी के जीवन के आदर्शो के कारण ही इंदौर जोन में हजारों बहनों ने अपना जीवन ईश्वर को समर्पण किया।
इंदौर जोन की मुख्य क्षेत्रीय समन्वयक ब्रह्माकुमारी हेमलता दीदी ने कहा कि भाईजी ने संस्था के फाउन्डर साकार ब्रह्माबाबा का अनुकरण करते सदा ही माताओं बहनों को आगे रखा। इसी के फलस्वरुप शक्तिनिकेतन इंदौर होस्टल खोला। जहंा पूरे भारत वर्ष की कन्यायें रहकर अपना जीवन श्रेष्ठ बना रही है। भाईजी की पालना अद्वितीय थी।
इस भाव सुमनांजली कार्यक्रम में जूम के माध्यम से ओमशानित रिट्रीट सेन्टर की डायरेक्टर राजयोगिनी आशा दीदी , युरोप एवं मिडिल ईस्ट देशों में स्थित ब्रह्माकुमारी सेवाकेनद्रों के डायरेक्टर ब्रह्माकुमारी जंयन्ति दीदी , अमेरीका और करेबियन देशों की निदेशिका राजयोगिनी मोहनी दीदी एवं माउण्ट आबू मुख्यालय कार्यक्रम प्रबंधिका मून्नी दीदी ने भाईजी के साथ बिताये पलों को याद करते हुये भाई जी की अनेक विशेषतायें सुनाई।
कार्यक्रम में इंदौर के सभी वरिष्ठ बहनों ने भाईजी के चित्र के सामने अपनी भाव सुमनांजली देते हुये उनके बताये पद चिन्हों पर चलने का संकल्प लिया। दुर्ग के प्रसिद्ध गायक ब्रह्माकुमार युगरतन ने भाईजी के प्रति गीत प्रस्तुत कर अपनी भावांजली दिया। शक्तिनिकेतन की कुमारीयों ने भाईजी के जीवन पर अधारित नृत्य नाटिका ”स्प्रीचुअल हीरो ” का मंचन कर सभी को भाव विभोर कर दिया। कार्यक्रम का संचालन ब्रह्माकुमारी उषा बहन और ब्रह्माकुमारी सीमा बहन ने किया।